आज शहीद दिवस है। आज के दिन शहीदे आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव ने हँसते-हँसते भारत की आजादी के लिए 23 मार्च 1931 को 7:23 बजे सायंकाल फाँसी का फंदा चूमा था।
उन सभी क्रांतिकारियों को हमारा सलाम .
ये अलग बात है कि ये देश उनके सपनो का भारत नहीं सिद्ध हुआ , लेकिन , इस बात से उनका बलिदान कम नहीं आँका जा सकता है . जो उन्होंने किया , वो जज्बा अगर आज के नेताओं में होता तो ये देश ही अलग होता.
अक्सर मैं सोचता हूँ कि वो क्या बात थी जिसने इन तीनो को ये ज़ज्बा हासिल करवाया ...
मेरा सलाम !!!
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